एक हेक्टेयर जमीन में 100 क्विंटल गेंहु पैदा कर बनाया रिकार्ड । कर रहे किसानों को प्रेरित
“मेरे दश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती” इस फिल्मी डायलोग को चरितार्थ किया है उज्जैन के बडनगर के किसान वाल्मिक कौशिक जी नें। हमारे किसान भाई नें एक हेक्टेयर जमीन में जैविक विधी द्वारा 99.20 क्विंटल गेंहु पैदा कर सबको चौका दिया है ।
यह बताते चलें कि यह अपने आप में एक रिकार्ड है । उनके पिता भी खेती करते थे । हमारे किसान भाई नें अपने ही पिता के रिकार्ड को तोडा है जो उन्होने कुछ साल पहले बनाया था।
किसकी निगरानी में हुआ वजन ?
किसान भाई नें 2 अप्रेल को गेहुं की कटाई की । 8 दिन तक गेंहु के पुले खेत में ही सुखते रहे। राजस्व विभाग की निगरानी में सीमांकन हुआ। जब थ्रेसिंग के बाद गेंहु तोला गया तो वजन 99 क्विंटल आया जिसने सबके होश उडा दिये।
कैसे किया इतना उत्पादन ?
किसान भाई नें 5 किलो गेंहु डीबीडबल्यु- 187 (करण वंदना ) DBW-187 ( Karan Vandana) 19 नवंबर को ट्राईकोडरमा विरीडी Tricodarma Viridi के साथ एजोटोबेक्टर से बीज को उप्चारित किया। लहसुन के सीड ड्रिल से सुखे खेत में 0.19 एकड में 10 किलो केचुअा खाद में एनपीके घोलक जीवाणुं NPK मिलाकर बोया। जिंक पोटाश और स्फुर घोलक को 100 किलो केचुए खाद व एक किलो गुड का पानी मिलाकर शाम के समय खेत में बिखेरा। पानी के साथ डिकंपोजर देकर सिंचाई की । खरपतवार को मजदुरों की मदद से खेत से बाहर किया । एनपीके घोलक जीवाणु का फोलियर स्प्रे कर डिकंपोजर के साथ सिंचाई की
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