13 साल की मेहनत के बाद मुंग का रोग प्रतिरोधी बीज तैयार
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हरियाणा के कृषि वैज्ञानिकों ने हाल ही में मूंग की एक नई किस्म को विकसित किया है जो कि रोग प्रतिरोधी बीज (रोग प्रतिरोधी किस्म) है । वैज्ञानिकों ने इस किस्म को एम एच 1 1 4 2 नाम दिया है । इस किस्म की खास बात यह है कि इसकी फसल एक साथ पक कर तैयार होती है तो वही इसकी फलियां काले रंग की होती हैं और बीज मध्यम आकार के हरे और चमकीले होते हैं । इसका पौधा कम फैलावदार, सीधा और सीमित होता है जिससे किसान इसकी कटाई आसानी से कर सकते हैं ।
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ये किस्म उत्तर पश्चिम और उत्तर पूर्व के मैदानी इलाकों में 63 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसकी औसत पैदावार भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार 12 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आंकी गई है । इतना ही नहीं इसमें पीला ,मोजेक ,पत्ता छूरी, मरोड़ जैसे रोग लगने का डर भी नहीं है । मूंग की किस्मों फफूंद रोगों की प्रतिरोधी है तो वहीं पहले वाली किस्मों के मुताबिक इस पर चूसक और छेदक कीटों का प्रभाव भी बहुत कम होता है । एक जानकारी के अनुसार कृषि वैज्ञानिकों ने इस किस्म को तैयार करने में 13 साल की मेहनत लगाई है जिससे अगले साल खरीफ सीजन तक किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा ।

रोग प्रतिरोधी बीज
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