Contract Farming से जुडे विवाद में कार्ट नहीं जा सकेंगे किसान
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Contract Farming से जुडे विवाद में कार्ट नहीं जा सकेंगे किसान – कृषि अध्यादेशों को लेकर एनडीए में फूट पड़ती नजर आ रही है । इसी बात से खफा बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल की नेता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने संसद में पेश किए गए कृषि से संबंधित दो विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है ।
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हालांकि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा बनी रहेगी और बीजेपी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार को समर्थन देती रहेगी। आपको बता दें कि किसानों में बढ़ते असंतोष को देखते हुए अकाली दल ने इस मामले में अपने सांसदों को व्हिप जारी किया और संसद के मानसून सत्र में आने वाले इन विधेयकों के खिलाफ वोट करने को कहा ।

Contract Farming – किसानों के धरना प्रदर्शनों के बीच गुरुवार को दो अध्यादेश संसद में पारित हो गए हैं । किसान नेता इस बात से काफी ज्यादा गुस्से में हैं उनका कहना है कि नए कृषि अध्यादेश के मुताबिक कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में कोई भी विवाद होने पर उसका फैसला सुलह बोर्ड में होगा मतलब किसान और कॉन्ट्रैक्ट करने वाली कंपनी के बीच यदि किसी तरह का कोई विवाद है तो उसका जो फैसला है वो सिविल या फिर अन्य कोर्ट में होने के बजाय एसडीएम द्वारा ही किया जाएगा ।
राष्ट्रीय किसान Union के सदस्य आनंद का कहना है कि एसडीएम बहुत छोटा अधिकारी होता है वो ना तो सरकार के खिलाफ जा सकता है और ना ही कंपनी के । इसलिए विवाद का निपटारा कोर्ट में होना चाहिए। एसडीएम सरकार की कठपुतली होते हैं वो सरकार या कंपनी की कभी नहीं मानेंगे तो पैसे वाली शक्तियां मिलकर उनका तबादला करवा देंगी । ऐसे में नुकसान किसानों का होगा । विवाद से जुड़े फैसले कोर्ट में ही होने चाहिए नहीं तो ये प्रावधान किसानों को बर्बाद कर सकता है ।
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