KCC Scheme में अरबों की चपत लगा रहे अधिकारी, किसानों को 180 करोड़ NPA पर मिल रही गाली
किसान को खेती करने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए सरकार की ओर से KCC Scheme यानि कि किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है ताकि किसान आवश्यकता के अनुसार सस्ती दरों पर लोन ले सके और अपनी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा भी कर सके । किसान क्रेडिट कार्ड पर किसान बिना किसी गारंटी के 1 लाख 60 हजार तक का लोन केवल 4 प्रतिशत ब्याज पर ले सकते हैं और तय वक्त तक लोन चुकाने पर अगली बार 3 लाख रुपए तक का लोन भी ले सकते हैं ।
ये लोन आवश्यकतानुसार थोड़ा थोड़ा करके भी ले सकते हैं और एक साथ भी निकाल सकते हैं । KCC Scheme की शुरुवात 1998 में हुई थी। ये स्कीम कई किसानो के लिए फायदेमंद भी साबित हुई है । वहीं दूसरी ओर किसानो पर आरोप भी लगता रहा है कि किसान खेती के लिए लोन न लेकर अपने अन्य कामों जैसे कि शादी ब्याह जमीन खरीदना वाहन आदि खरीदने पर खर्च कर रहे हैं ।

अभी सरकार ने NPA यानी नोन परफॉर्मिंग एसेट से जुड़ा आंकड़ा प्रस्तुत किया है जिसमें किसानो को दिया गया KCC Scheme ऋण के 180 करोड़ रुपए को NPA दिखाया गया है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के हजारों किसानों पर इस योजना के तहत दिए गए ऋण में से 1022 करोड़ रुपये बकाए में फंस गए हैं ।
वहीं 15 हजार किसानों पर पुराने बकाये का 181 करोड़ रुपया बैंकों को एनपीए खाते में डालना पड़ा है । हापुड़ जिले के बैंक प्रबंधक का कहना है कि 99 हजार 618 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर 1398 करोड़ रुपये का कर्ज है । इनमें से सिर्फ 17 हजार किसानों को 372 करोड़ रुपये चालू वित्तीय वर्ष में बैंकों ने कर्ज दिया है जबकि 1022 करोड़ रुपये पिछले कई वर्षों का बाकी है ।
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ये रिपोर्ट सामने आने के बाद किसानो को खूब खरी खोटी सुनने को मिल रही है कि किसान KCC Scheme ऋण माफी की उम्मीद में लोन लेकर लौटाते नहीं है।
किसानो के 180 करोड़ रुपए को लेकर हल्ला उतारने वालो के लिए KhetiKare.com की टीम ने कुछ आंकड़े जुटाए है जोकि आप सब लोगों को देखना जरूरी है ताकि आगे कोई किसानो पर बेतुका सवाल ना उठा सके।
2019 के आंकड़ों के अनुसार करीब 6 करोड़ 60 लाख से अधिक केसीसी कार्ड धारक हैं।
KCC Fraud List
साल 2018 में सीबीआई ने तीन केस केसीसी फ्रॉड से जुड़े हुए दर्ज़ हुए थे। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य के आईडीबीआई बैंक के सभी ब्रांचों में मिलाकर 743 करोड़ रुपए की गड़बड़ी केसीसी और पिसिक्लचर लोन में की गई ।
ये आंकड़ा केवल एक बैंक का केवल 2 राज्यों के अंदर हैै अब आप खुद सोच सकते है , ये स्कीम में माल बड़े बाबुलोग खा रहे है या किसान।
is साल हुए खुलासे में एक व्यापारी 87 फर्जी खातों से केसीसी कार्ड बनवा 69.46 करोड़ रुपए का लोन लिया।
अक्टूबर 2017 में किसानो के नाम पर फर्जी कागज़ो पर 139 व्यापारियों को लोन देने का मामला सामने आया था। ये लोन 2013 से 2015 के बीच दिए गए। इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा के कर्मचारियों के साथ मध्य प्रदेश के कुछ सरकारी अधिकारियों का भी नाम आया था।
छत्तीसगढ़ के यूको बैंक के मैनेजर भी 2011 से 2015 के बीच केसीसी के नाम पर फर्जी लोगो को लोन देने के चक्कर में निरस्त हो चुके हैं।
KCC Scheme
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